शोधकर्ताओं ने पाया कि तीव्र धूप माउंट एवरेस्ट पर बर्फ पिघला सकती है
13 दिसंबर 2019 को सैन फ्रांसिस्को में अमेरिकन जियोफिजिकल यूनियन की वार्षिक बैठक में माउंट एवरेस्ट डेटा पर नव स्थापित मौसम स्टेशनों को प्रस्तुत किया गया था। यह डेटा नेशनल ज्योग्राफिक सोसायटी और एवरेस्ट के लिए रोलेक्स का सदा ग्रह चरम अभियान/ Rolex's Perpetual Planet Extreme Expedition to Everest से उभरने वाले पहले वैज्ञानिक परिणामों में से है।
रिपोर्ट की विशेषताएँ:
- आंकड़ों ने बताया कि पहाड़ ग्रह पर सबसे अधिक तीव्र सूर्य के प्रकाश का अनुभव करता है।
- यह संदेह है कि यह दुनिया के सबसे ऊंचे पहाड़ों के ऊपर बर्फ पिघला सकता है और ग्लेशियरों को उन तरीकों से प्रभावित कर सकता है जो पूरी तरह से समझ में नहीं आते हैं।
- डेटा शोधकर्ताओं को उच्च अल्पाइन वातावरण में बर्फ और बर्फ को पिघलाने के लिए उपलब्ध ऊर्जा की मात्रा को समझने में मदद करता है।
5 मौसम स्टेशन:
जून 2019 में, शोधकर्ताओं ने 27,600 फीट की ऊंचाई पर पांच स्वचालित मौसम केंद्रों का एक नेटवर्क स्थापित किया।
इसमें ग्रह पर दो उच्चतम मौसम स्टेशन शामिल हैं। सभी स्टेशन हवा, दबाव, तापमान, सापेक्ष आर्द्रता और हवा की गति पर डेटा एकत्र कर रहे हैं।
हर स्टेशन, उच्चतम को छोड़कर, एक शुद्ध रेडियोमीटर के साथ तैयार किया जाता है और निचले स्टेशन बारिश गेज और मौसम सेंसर भी पेश करते हैं।
नोट: रेडियोमीटर एक उपकरण है जो आने वाले और बाहर जाने वाले विकिरण को मापता है।